इस जिन्द़गी की दौड़ में,तू दम लगाए जा।
दिल दर्द़ से बोझल हो, फिऱ भी मुस्कुराए जा।।
घबराना नहीं, है ये घड़ी इम्तिहान की।
होती है मुश्किलों में,ही परख इन्सान की।।
हिम्मत् से काम ले,कद़म आगे बढ़ाए जा।।दिल़ दर्द से....
तू आज़ मुश्किलों से लड़ले,जितना लड़ सके।
कल उतना ही आयेगा तेरा,सज़ के-सवँर के।
कुन्द़न अगर बनना है,तो खुद को तपाए जा।।दिल दर्द से....
आँसू निकल पड़े अगर, तो उनको पिये जा।
गम़ को खुशी से सहले,अपना कऱम किये जा।
काँटों के बीच़ से भी,तू रास्ता बनाए जा।।दिल दर्द से....
कितना भी घना चाहे क्यों ना हो,ये अन्धेरा।
उस पार इसके है खड़ा,सुनहरा सवेरा।
उम्मीद़ का चिराग़,तू दिल़ मे जलाए जा।।दिल़ दर्द से....
अपमान सह के भी ..गोपाल..प्यार लुटाना।
भूले से भी कभी किसी का दिल़ ना दुखाना ।
जो प्याऱ से मिले,उसे दिल़ में बसाए जा।।दिल दर्द से....
Thursday, December 24, 2009
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