Saturday, November 16, 2013

याद तो करो..............

हम याद बहुत आएंगे,तुम याद तो करो।
कोई लम्हाँ मेरे नाम पे, बर्बाद तो करो ।।

रिश्ते में अपने थोड़ा सा एहसास अभी है।
कुछ जान फूँक कर, इसे आबाद तो करो ।।

तुमसे हुई क्या भूल, कहाँ चूक गये हम।
सब भूल कर,फिर से नई शुरुआत् तो करो।।

दिल में अगर जुनूँ है,तो आएगा इन्क़लाब।
नीयत से इन्क़लाब-ज़िन्दाबाद तो करो ।।

मायूस निगाहों से, आसमाँ को न देखो।
होगी दुआ क़ुबूल,कि फ़रियाद तो करो।।

..गोपाल.. लाख दूर सही,मन्ज़िले-सफ़र।
अन्जाम तक जाना हे ग़र, आग़ाज़ तो करो।।



Thursday, November 14, 2013

क्या किया जाए............

बहुत बदल गये हालात् ,क्या किया जाए।
अब नहीं रह गयी वो बात् ,क्या किया जाए।।

कहाँ रही वो लियाक़त् ,वो उसूलो-अदबो- लिहाज।
न वो एहसास, न जज़्बात् , क्या किया जाए  ।।

कहाँ से लाया जाए ढूंढ के,तहज़ीबो-तमीज़।
बड़े बेक़द्र ख्यालात् , क्या किया जाए  ।।

फ़ायदे पर ही मुनहसर हुआ अब तो सब कुछ।
फ़र्ज़ की चलती नहीं बात,क्या किया जाए ।।

क़ायदों की यहाँ परवाह किसे है यारब।
तोड़ना फ़ख़्र की है बात, क्या किया जाए।।

हर तरफ दिख रहा समाज का अपराधीकरण।
लोग कहते इसे विकास, क्या किया जाए ।।

हमारी बेहतरी से बेहतर,उसकी बर्बादी।
..गोपाल..है मज़े की बात ,क्या किया जाए।।