कभी दिल से नहीं जाते हैं,भले ही मिलके बिछड़ जाते हैं।
वो लोग जो पहली बार नज़र से,दिल में उतर जाते हैं।।
हों दूर भले आँखों से,पर दिल से दूर न होते।
आते उनके ही सपने,हर घड़ी जागते-सोते ।।
वो ख्वाबों-ख्यालों के नश्तर,कर चाक् ज़िग़र जाते हैं।। वो लोग जो।।
जब कभी जेहन में,उनका चेहरा,उभर आता है।
बेचैनी बढ़ जाती, दिल पागल हो जाता है ।।
दिल से होकर मजबूर दिवाने,क्या-क्या कर जाते हैं।। वो लोग जो।।
उनके पहलू में, जितना भी वक़्त ग़ुज़र जाता है।
वो याद सुनहरी बनकर,सीने में उतर जाता है ।।
..गोपाल..वो मंज़र, गए दिनों के,सारी उमर जाते हैं।। वो लोग जो।।
Sunday, August 1, 2010
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