Monday, February 8, 2010

फ़ैशन के नाम पर....

देखी बड़ी मनमानियाँ,फ़ैशन के नाम पर।
क्या-क्या हुईं कुर्बानियाँ,फ़ैशन के नाम पर।।

पहले थी कुलवधू,वो अब दिखती नगरवधू।
कन्याएँ बनी फिरती हैं , रक़्क़ाशा हूबहू।
साक़ी बनी हैं रानियाँ,फ़ैशन के नाम पर।। क्या-क्या हुई...

अब तो पिताजी "डैड"हैं,माताजी हैं "मम्मी"।
हैं एक से लिवास में,लड़का हो या लड़की ।
सबको चढ़ा फ़िल्मानियाँ,फ़ैशन के नाम पर।। क्या-क्या हुई...

शौहर की गर्लफ्रैन्ड, तो बीवी का ब्वायफ्रैन्ड।
बच्चों की रोज धुन बदल-बदल के बजती बैन्ड।
हैं आम ये कहानियाँ,फ़ैशन के नाम पर ।। क्या-क्या हुई...

कोई है होमो सेक्सुअल, तो कोई लेस्बियन।
शादी से पहले चल रहा है,लिव-इन-रिलेशन।
ये कैसी कारस्तानियाँ, फ़ैशन के नाम पर।। क्या-क्या हुई...

जहाँ धरती से बड़ी माँ,पिता आकाश से ऊँचा।
जिसे राम,कृष्ण,बुद्ध,विवेकानन्द ने सीँचा ।
वो भारत बना बर्तानियाँ,फ़ैशन के नाम पर।। क्या-क्या हुई...

हर मोड़ पर जलती है,संस्कारों की होली।
आदर्शों,मर्यादाओं और विचारों की होली।
..गोपाल..को हैरानियाँ,फ़ैशन के नाम पर।। क्या-क्या हुई...

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