मिल जाया करेंगे यूँ ही, जीवन के सफ़र में ।
किस रस्ते पे,किस मोड़ पे,ये कह नहीं सकता।।
वैसे भी, हरेक बात का वादा, नहीं अच्छा ।
कल कौन कहाँ हो,ये कोई कह नहीं सकता।।
दिल में, ज़रा सी जगह, मेरे वास्ते रखिए ।
मैं वक़्त नहीं ग़ुज़रा,जो फिर आ नहीं सकता।।
आने की ख़ुशी कैसी,क्या है मिलन का एहसास।
अब!उसको क्या पता,जो कभी जा नहीं सकता।।
Thursday, July 15, 2010
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